सुर्ख़ियों में है ख़बर अख़बार की।।
ज़िन्दगी है नोक पर तलवार की।।
ढेर पर बारूद के हम हैं खड़े,
आज हालत हो गई संसार की।।
है कहीं पै बाढ़ तो सूखा कहीं,
हादसों ने जिंदगी दुश्वार की।।
ज़र ज़मीं को युद्ध में मशगूल सब,
है ज़रूरत इस जहां में प्यार की।।
देखकर आंधी हवस की बाग़ में,
डर रही है हर कली गुलजार की।।
बृंदावन राय सरल सागर एमपी मोबाइल नंबर 786 92 18 525
Badlavmanch
0 टिप्पणियाँ