कवयित्री शिवांगी मिश्रा जी द्वारा 'हालांकि' विषय पर रचना

*हालांकि*

किस्मत में साथ ना था सो मुझे छोड़ गया वो ।
सफर साथ का ना था सो रुख़ मोड़ गया वो ।।

हालांकि मोहब्बत तो बहुत की थी इक दूजे से हमने ।
हमसे ज्यादा चाहने वाला मिला सो नाता तोड़ गया वो ।।

स्वरचित.....
शिवांगी मिश्रा
लखीमपुर खीरी

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