सादर नमन 💐💐🙏🙏
दिनांक : 27/08/2020
विषय : जीवन का अफ़साना
विधा : हाइकू (एक प्रयास )
जिंदगी को जी ~
उन्मुक्त होकर तू
विचार कर..
कुछ ऐसे तू ~
सपन मधुरी को
परिमल दें..
पहचान हो ~
तेरी परगास सी
बासर रैनि..
चाहे ऊँचाई ~
छू ले तू जितनी
सुध रखना..
धरा पर तू ~
मानवता का पाठ
संज्ञान रख.. !!
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"शालिनी कुमारी"
शिक्षिका (प्रारंभिक विद्यालय)
मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार )
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