तिरंगा

बदलाव मंच को नमन
रचना का शीर्षक  -तिरंगा

है    भारत   की   शान  तिरंगा
वीरों    की     पहचान   तिरंगा

वीरत्व   भरा   केसरिया    रंग
शांति  से  खिलाता  है श्वेत रंग
अशोक चक्र एकता का प्रतीक
समृद्धि   बनाता   है   हरितरंग

बलिदानों    की   आन  तिरंगा
है    भारत  की   शान   तिरंगा

जन  गण  मन  है  गान हमारा
वंदे    मातरम     गीत   हमारा
करें  वन  की  रक्षा   बाघ यहां
मोहक    नाचे    मोर    हमारा

है    माटी   की   जान   तिरंगा
है   भारत   की   शान   तिरंगा

पावन  गंगा  यमुना  का  नीर
हम  पीते  हैं गौ मां  का  छीर
कलरव  करते  निर्भय   पंछी
शत्रु पर रखते नजर का  तीर

है कण-कण की आन  तिरंगा
है   भारत   की  शान  तिरंगा
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मैं घोषणा करता हूं कि यह रचना मौलिक स्वरचित है।
भास्कर सिंह माणिक (कवि एवं समीक्षक)कोंच,जनपद-जालौन उत्तर- प्रदेश- 285205

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