अवध में मंदिर बने विशाल ।
यहाँ त्रिलोकी नाथ विराजे , शोभित सुन्दर भाल ।
वे आये अधर्मी आतंकी थे , जनता थी बेहाल ।।
काल्पनिक कुछ कहते जिनको , बुरे है उनके हाल ।
जन समूह प्रमुदित मन गाते , यश गाथा खुशहाल ।।
बन है भव्य मनोहर मंदिर , सब होगें भक्त निहाल ।
जय श्री राम कहत नर नारी , नाचत लें कर ताल ।।
चरण शरण में ले लो प्रभु जी , बहुत विकट कलिकाल ।
मक्खन मन में मुदित मग्न हो , बजा रहे खरताल ।।
राजेश तिवारी मक्खन
झांसी उ प्र
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