कवि विशाल चतुर्वेदी "उमेश" जी द्वारा 'तोहमत' विषय पर रचना

तोहमत 

अगर कोई साथ हो अपना , 
तूफानों में भी शमा जलती है । 
कसूर उनकी निगाहों का हॊता है ,
तोहमत हम पर लगती है ॥ 

विशाल चतुर्वेदी " उमेश "

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