कवि नन्दन मिश्र जी द्वारा 'अटूट रिश्ता' विषय पर रचना

शीर्षक : अटूट रिश्ता      
 विधा  :  घनाक्षरी छंद 

हर  रिश्ता  अटूट  हो , बंधन अटूट हो जी,
जिंदगी  में ऐसा ही तो , प्यार होना चाहिए।

वर्षों  पुराना  रिश्ता एक पल में  टूट जाए,
जिंदगी में ऐसा  ना  विचार  होना चाहिए।

जिंदगी  रंगीन  हो  हर पल खुशहाली हो,
इस   लिए  खुल   इजहार  होना  चाहिए।

जो रिश्ता पुराने कई , रिश्तों को तोड़ जाए तो ,  
वैसे   रिश्ते  से  यूं   इनकार   होना   चाहिए।


           ✍️ नंदन मिश्र  
               जहानाबाद ,,बिहार
            📞7323072443

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