नन्दलाला
जन्म हुआ है कान्हा का, हर मन बरसत रंग ।
सकल चराचर हर्षित है ,यदुनन्दन के संग ॥
यदुनन्दन के संग , गोकुल खुशियों में झूमे ।
निरख निरख यदुनन्दन को , सब गालन को चूमे ॥
कहत उमेश धरा पर , प्रभुलीला का आनन्द सब लीजै ।
दर्शन कर कान्हा का , सफल काम सब कीजै ॥
विशाल चतुर्वेदी " उमेश "
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