प्रसिद्ध कवयित्री डॉ विजय लक्ष्मी द्वारा नेताजी को शब्दांजलि

"नेताजी सुभाषचन्द्र बोस" (कविता)

युगों-युगों से देश हमारा,
गाता है वीरों की गाथा,
स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी,
वीर-महान-वो क्रांतिकारी,
अग्रणी नेता सुभाष चन्द्र बोस,
तन-मन में खूब था जोश,
खून में भी जिनके रवानी,
मातृभूमि पे किया बलिदान,
वो थे आजादी के दीवाने,
जयहिन्द-जयहिन्द का उद्घोष,
जयहिन्द था राष्ट्रीय नारा,
अंग्रेजों को खदेड़ा भारत से,
आजादी का लिया संकल्प,
चले राष्ट्रकर्म की राह पे,
न कष्टों-संघर्षों से घबराये,
ऐसे थे महान-वीर-सपूत,
रच दिया इतिहास उन्होंने,
अंग्रेजों को खूब पछाड़ा,
आजाद-हिन्द-फौज का,
नेताजी ने किया गठन,
थे ऐसे अमर बलिदानी,
"तुम मुझे खून दो,मैं तुम्हें आजादी दूँगा",
जन-जन में फैला था यही उद्घोष,
युगों-युगों तक भारतवासी, 
याद रखेंगे उनका त्याग,  
नतमस्तक हम शीश झुकाते,
याद करते हम उनकी कुर्बानी,
जयहिन्द-जयहिन्द-जयहिन्द।

(स्वरचित)
डॉ०विजय लक्ष्मी
काठगोदाम,उत्तराखण्ड

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ