भारतमाता तुझे पुकार रही

   🇨🇮 भारतमाता तुझे पुकार रही!🇨🇮
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   उठो देश के वीर जवानों,
    जननी तुझें पुकार रही!
    तेरे बाजुओं में दम है इतना,
   गर्वित हो माता हुंकार रही!
   चीर डालो दुश्मन का सीना,
   माँ भारती तुझें ललकार रही!
उठा लो अस्त्र-शस्त्र रणबाँकुरों,
विश्व क्रांति की फिर लहर बही!
   भारत की धरती वीरो की,
  जिसने इस मिट्टी में जन्म लिया!
    ये खान है धरती हीरो की,
  अनमोल रत्न निकलते कोहिनूर !
   अनमोल जवाहर,मोती से,
   आजाद,भगत सिंह,खुदीराम!
    निकले रत्न हिंदुस्तान की धरती से,
   कर ऊँचा मस्तक खड़ा हिमालय!
   यहाँ लहराती गंगा मस्ती से,
  रग-रग में बीरता का रक्त प्रवाहित !
  मिले प्रशिक्षण जननी जीजाबाई से,
  जहाँ बलिदानों से धरती लाल हुई!
   रानी झांसी की लक्ष्मीबाई से,
    भारत- माता ने अमर सपूतो को!
    सींचा अपने वीररक्त की मिट्टी से,
   देशभक्ति से ओत-प्रोत मलाला जैसी!
   भारत की वीरांगना,बहादुर हर बेटी से,
    काश्मीर भी गौरव अपने भारत का!
    लालच करो ना कोई माँ की अमानत से,
    सर्वत्र विश्व में ऊँचा रहे अपना तिरंगा!
    लहराएंगे कंचनजंघा की ऊँची चोटी से!
अपने वीरो की शक्ति धूर्त चीन को बतला देना,
  मार गिरायेगें विध्वंसक राफेल की शक्ति से!
    माता की लाज बचाएंगे हम मिलकर ,
    अपना रक्तदान कर बलिदानों से!
    जागो वीर जवानों अब भारत-माता,
     अपनी धरती की रक्षा के लिए गुहार रही!
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   🌹समाप्त🌹
     स्वरचित और मौलिक
     सर्वधिकार सुरक्षित
कवयित्री:-शशिलता पाण्डेय

    


 
   
   
  
  
  
   
 
   
 
  
  
    
  
  
 
  
 
  
  
    

  
  
   
    

   
 

   
   
   

    


        

  
   
  

   
   
    

  
   
  









        

  
   
  

   
   
    

  
   
 

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