कवि राजीव रंजन जी द्वारा रचना

अपने हृदय के भावों को निचोड़ लेता हूँ, 
कवि नहीं हूँ ,बस शब्दों को जोड़ लेता हूँ ।
प्रेम कर के किसी से दर्द क्या लेना ?
खुद से दिल लगाकर खुद ही तोड़ लेता हूँ ।
©️ राजीव रंजन गया (बिहार)

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