प्रसिद्ध कवि रमेश चंद्र भाट जी कुंडलियों में अद्भुत रचना - लाक डाउन

बदलाव साहित्य मंच

दिनांक--22-08-2020
दिन- शनिवार

शीर्षक- लाक डाउन
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स्वरचित रचना। पहली बार कुण्डलिया छंद मे लिखा है। अपनी समीक्षा देकर मार्गदर्शन करें🙏
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लाक डाउन के समय में,ना होना है डाउन।
मन को करलो अनलाक, करले तूं मनभावन।
करले तूं मनभावन, अपनी रुची को पहचान।
हो आसानी से काम, हाथ उसमें अजमाले।
गीत कविता मुक्तक, लिख मन को बहलाले।
खुद को कर लो व्यस्त, समय है लाक डाउन का।

लाक डाउन के समय में, दिखे यदि कोई  लाचार।
जितना संभव हो सके,     मदद  करो  हर  बार।
मदद  करो  हर  बार, दीन के  दुख  को  हरकर।
रहे ना भूका कोई, बस चिंता इतनी सी कर।
हिम्मत बढाओ हरदम,     कोरोना  मरीजों   की।
जीत उसे मिलेगी, समय है लाक डाउन का।

लाक डाउन के समय में, रहो  आपस  में  दूर।
दूरी मनसे मत रखो, बातें करो जरूर।
बातें करो जरूर, मुँह पर मास्क लगाकर।
हाथ रखो तुम साफ, साबुन पानी से धोकर।
सूखी खांसी ज्वर की, जल्दी से जाँच कराकर।
होजा जल्दी स्वस्थ, समय है लाक डाउन का।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नाम-रमेश चंद्र भाट
पता-टाईप-4/61-सी,
रावतभाटा, चितौड़गढ़,
राजस्थान।
मो.9413356728

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