शिक्षिका सह स्त्री विमर्श कवयित्री शालिनी कुमारी की शानदार रचना#नारी गौरव सम्मान

पटल को सादर नमन 🙏🙏
आज दिनांक 26/08/2020 को "नारी गौरव सम्मान "के दिवस पर मेरी स्वरचित कविता.. 
विषय : नारी और समाज 

समाज की विकृतियों से ऊपर 
 नारी की ममतामयी मूरत है.. 

 नारी है एक दर्पण तो 
समाज उसका प्रतिबिंब है.. 

 एक ओर नारी का ह्रदय 
नर्म  मोम के जैसा है.. 

दूजी ओर  उसकी अवहेलना 
दुर्गा, काली के रूप जाता है.. 

नारी जीवन से भरी हुई 
छाया तरुवर समान है.. 

जीवन का पालन करती नारी 
धरा पर ईश्वरीय रूप है.. 

 ममता की वर्षा करती वो
नारी समाज की अभिमान है.. 

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"शालिनी कुमारी "
शिक्षिका (प्रारंभिक विद्यालय )
मुज़फ़्फ़रपुर (bihar)

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