*उसके चेहरे पर की खुशी से राहत मिली.* *****************************
आज, 30/08/2020 को, मैं ऐसेही तहसील के एक गाँव में गया। (यह बताने की बात नही लेकिन आप भी सहायता करे इसलीये लिख रहा हू।)
अपने परिचित के घर पर चर्चा होने के बाद, मैंने चाय पी और चर्चा करने बैठ गया।
तभी, अगले दरवाजे पर एक लड़का रोया। जैसे ही मैंने उसके बारे में पूछताछ की, मुझे पता चला कि वह एक नौवी क्षा मे है। चूंकि कोरोना स्कूल नहीं भरता है, इसलिए अधिकांश ऑनलाइन पाठ्यक्रम संबंधित स्कूल द्वारा पढ़ाए या सिखाए जाते हैं। जब मैंने जाँच की, तो मुझे पता चला कि मेरे वह बगल वाला व्यक्ति बहुत गरीब था। फिर जब मैंने उस लड़के से पूछा, तो उसने कहा कि वह पढ़ाई से वंचित है क्योंकि उसके पास Android मोबाइल नहीं है।
मुझे अलग ही तरह से महसूस किया ..... मेरे हाथ में दो एंड्रॉइड मोबाइल थे ..... मैं नहीं रह सका ..... मैंने जल्दी से उसे अपने पास एक एंड्रॉइड मोबाइल दिया। वह मोबाईल अपने हाथों में लेने के लिए तैयार नहीं है ... स्वाभिमानी लडका.. मैंने उसके पिता और उसे समझाया कि मैं कोई अहसान नहीं कर रहा हूं। यह मोबाइल आपको मेरी ओर से एक उपहार दे रहा है। तब मुझे उस लड़के के चेहरे पर खुशी देखकर राहत मिली, मेरा दिल बहुत बहुत खुश हुवा है। हमने उस लड़के को अलविदा कहकर और अपने आगे की गंतव्य के लिए रवाना हो गए ...
✍️ *श्री देवेन्द्र चौधरी, तिरोडा*
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