कवि एल.एस.तोमर जी द्वारा 'हौंसला' विषय पर रचना

*नमन बदलाव मंच*     

                  *हौंसला* 


आसमान ये छू जायेगी जिंदगी।
गर पंख हौसलों  के लगायेगी जिन्दगी।


हिम्मत और मेहनत से  बदल दे लकीरों को।
लग्न से  खुद ही संभल जायेगी जिंदगी।
गर पंख होंसलो के लगायेगी जिन्दगी।


काटकर सबको पतंग नसीब की छुएगी सितारों को।
डोर जो समर्पण के हाथों से हिलाएगी जिन्दगी।


कोसा ना कीजिए किस्मत को अपनी।
मंजिल प्रण पसीने से पायेगी जिन्दगी।


होगी मुश्किल फरेब धोखे जमाने में।
होगा भला  जब किसी को ना  सताएगी जिन्दगी।


 होगी महसुस चुभन कांटों की ।
  दर्द की चोट जब खुद  खाएगी जिन्दगी।


ताकत की नाव रख पतवार भरोसे की।
ना घबरा साथ  निभाएगी जिन्दगी

मौलिक रचना

 *एल.एस.तोमर मुरादाबाद यूपी*

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