हे कृष्ण कहो , कब आओगे


🌹हे कृष्ण कहो, कब आओगे?🌹
*********************
 आज मची विश्व में त्राहि-त्राहि,
भर गया अन्याय का अब घड़ा !
पुकारती द्रोपदी करती आर्तनाद,
करता दुशासन द्रोपदी का चीरहरण !
आज युद्ध को दुर्योधन फिर अड़ा,
क्या फिर से महाभारत दुहराया जाएगा?
गांडीव हाँथो में ले अर्जुन सोचता खड़ा,
हे कृष्ण कहो, कब आओगे?सखा गोविंद!
कहो क्या द्रोपदी की लाज बचाओगे?
क्या गीता का ज्ञान फिर से दोहराओगे?
दुर्योधन हरपल डराता कर शक्ति प्रदर्शन,
अन्याय की दुंदुभी बज रही अब हर ओर!
हे कृष्ण कहो, कब आओगे? लेकर चक्र-सुदर्शन!
अब टकटकी लगायें खड़ी सारी दुनियाँ,
आएंगे कब? तारणहार पार करेंगे नैया!
मुरली मनोहर गोबिंद श्याम कहो,कब आओगे?
हर गली में करने को चीरहरण दुशासन खड़ा,
लूटने को जायदाद छल-कपट धोखे पर अड़ा!
धृतराष्ट्र बैठे हर घरों में नेत्रोंवाले नेत्रविहीन,
देखते कुल की बेटी-वधु को विवश हो चिरविहीन!
सगे भाई-बंधु एक दूसरे के रक्त-पीपाषु बने,
भले ही एक ही माता के कोख से हो जने!
होती विखंडित खण्ड-खण्ड में धरा,
बंटवारे को हर घर मे दुर्योधन जिद पर अड़ा!
आज की नेत्रों में गांधारी के स्वार्थ की पट्टी चढ़ी,
 घर मे कर भेदभाव करती पति को सबके विरुद्ध!
 आज भी मामा शकुनि फुट डाल भांजों के बीच,
चाहते कराना बहन के घर महाभारत युद्ध!
हे कृष्ण कहो, कब आओगे? गीता सुनाओगे,
ईर्ष्या-द्वेष की अग्नि में जलते विश्व को बचाओगे!
***************************************
🌷समाप्त🌷
स्वरचित और मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
रचनाकारा:-शशिलता पाण्डेय
बलिया:-उत्तर प्रदेश
******************************************

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ