काव्य मिश्रित गद्य प्रतियोगिता**
(लिखित अनिवार्य, ऑडियो/वीडियो स्वैच्छिक)
आज का दिन हमारे लिए किसी उत्सव से कम नहीं,,,,,,जी हां,,उत्सव ही तो हैं जो हमें गोरों के जुल्मों से मुक्ति मिली,,, परतंत्रता की बेडि़यों से मुक्ति दिलाने दर्द भरी,,, खून की होलियां खेल अपने देश और भारत मां के प्रति अपने दायित्वों को हंसते-हंसते शहीद होने वाले असंख्य वीरों,,योद्धाओं और भारत की माटी के लालों को कोटिश: वंदन,,,,
सच्चे वीर जवानों को हम, देते हैं सलामी,,,,,
देश की आज़ादी के लिए, दी जिन्होंने कुर्बानी,,,
बेशक अपनी जान की परवाह किये बिना देश को अंग्रेजी दासतां से मुक्त करने वालों का कर्ज हम आजीवन अदा नहीं कर सकते, पर उनको सच्ची श्रद्धांजली देने के लिए एक संकल्प अवश्य कर सकते हैं कि
भारत की एकता, अखंडता को आंच न आने देंगे
आपनी राग-द्वेष को बिसराकर भाईचारा निभाएंगे,,,
नि:संदेह हमें हमारे पूर्वजों से मिली इस विरासत को सहेजने के अतिरिक्त हमारा दायित्व बनता हैं कि आने वाली पीढ़ी को एक ऐसा भारत सौपें जो प्राकृतिक संपदा से ओतप्रोत, आपसी प्रेम, सहिष्णुता और मानवता से परिपूर्ण होने के साथ ही भ्रष्टाचार से मुक्त हो,,, क्या हम सभी अपने इन दायित्वों को पूर्ण करने हेतु दृढ़ संकल्पित हैं,,, या कि हम अपनी वैचारिक, निर्णयात्मक और स्वच्छंद जीने की स्वतंत्रता का दुरूपयोग तो नहीं कर रहे,,,
सपनों के पीछे भागने के पहले
एक बार आत्ममंथन जरूरी हैं
अधिकारों के लिए लड़ने से पहले
कर्तव्य निबाहना जरूरी हैं,,,,
पूर्वजों से मिले स्वतंत्रता रूपी बेशकीमती उपहार हो हमें आने वाली पौध के हाथों सुरक्षित सौपना हैं, ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी हैं, इसको निबाहने के लिए हमें स्वार्थ, आपनी भेदभाव-रंजिशों, सामाजिक कुरीतियों को दरकिनार कर देश-समाज और परिवार के प्रति अपने कर्तव्यपालन में तिल मात्र भी नहीं डिगे ।
तो आइये हम सब मिलकर आज इस सुअवसर पर यह संकल्प -
चाहे हो स्वार्थपरकआंधियों का दौर,,,
हर ओर मचा हो भ्रष्टाचार का शोर,,,,
हम सच्चाई का न छोडेंगे साथ,,,,,
नई पीढ़ी को सौपेंगे ये प्यार भरी सौगात,,,
अंतत: यह कहना उचित होगा कि ‘’स्वतंत्रता’’ का दुरूपयोग न करते हुए भारत मां के प्रति वफादारी निभाकर, अपनी मातृभूमि के प्रति श्रद्धाभाव रखते हुए, स्वार्थपरक मानसिकता का त्याग कर, न केवल अपने देश-समाज की उन्नति हेतु अपनी भूमिका तय करना हैं, वरन् आने वाली पीढी की रगों में भी अपनी जन्मभूमि के प्रति अगाध स्नेह के भाव तिरोहित करना हमारा परम कर्तव्य हैं, जिसे निबाहना हमारा प्रथम दायित्व हैं ।
जय हिंद, जय हिंदुस्तान
हम हैं मॉ भारती की संतान,,
भारत को स्वर्ग सा सुंदर बनाएंगे
मानवता संहिष्णुता की क्रांति लाएंगे।।
अंजली खेर – 9425810540
सी-206, जीवन विहार
अन्नपूर्णा बिल्डिंग के पास
पी एंड टी चौराहा, कोटरा रोड़
भोपाल – 462 003 म;प्र
0 टिप्पणियाँ