कवयित्री एकता कुमारी जी द्वारा रचना

मेरी दुनियाँ में जब से तुम आए हो, 
संग अपने खुशियो की तरंग लाए हो।
भटक रही थी मैं एक बंजारन बनकर,
अपनी आँखों से मेरी मंजिल दिखाए हो।
      ** एकता कुमारी **

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