शहीद गान

विषय-  बदलाव मंच के लिए
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       *शहीद गान*

गलवान के 20 शहीदों की भूल न जाना कुर्बानी 
मातृभूमि की रक्षाठ कर चीनी मंसूबे कर गये पानी-पानी 
स्मृति रहे सदा ही लिखता हूं उनकी अमर कहानी 
छोड़ कर के जीवन रथ अपना वड़ा गये राष्ट्र रवानी...

🌹धीर वीर संतोष ने रख ली देश की  आन 
चीनी सैनिक पहुंचा कर यम लोक छोड़े अपने प्रान 
🌹तेजस्वी नदूरामम ने किया अनौखा काम 
स्वयं गिरे धरा पर कर दुश्मन का कर काम तमाम 
🌹मनदीप सिंह सिंह से गरजे मचाई भगदड़ अविराम 
🌹सतनाम ने किया नाम सत्य राम नाम अभिराम 
रण रंगवीर थे🌹 के पलानी उनकी थी कहानी अपनी 
🌹सुनील कुमार ने अरि को कर दिया था छलनी छलनी 
🌹विपुल कुमार थे विपुल शक्ति के स्वामी बात न किसी की मानी 
🌹दीपक कुमार भी शहीद हुए लिख कर अपनी अमर कहानी 
🌹राजेश ने भारत मां की रक्षा में आग लगा दी तम्बू में 
🌹कुन्दन तप कर निकल पड़े पा कर अमरता तम्बू में 
🌹गणेश बने हुए थे भारत के सेनापति शौर्य वान 
चीनियों को चटा कर धूल🌹 चन्द्र कान्त बने अभीष्ट बलवान 
🌹अंकुश अंश विराट थे बने हुए महाकाल 
🌹गुरविंदर डटे रहे सम्मुख वन कर काल 
🌹अग्नि कुमार पावक प्रचंड थे  🌹गरुतेज का था तेज महान                     🌹कुन्दन कुन्दन से दमक रहे थे 🌹अमन ने उठा लिया सिर पर जहान 
🌹जयकिशोर जय जय काली बोल रहे थे 
🌹गणेश कर रहे थे रुद्र देवता की हुंकार 
मां भारती के वीर सपूतों ने निहत्थे ही 
चीनी सेना में मचा दिया था हाहाकार 
ऐसे वीर शहीदों का हम क्या कर सकते प्रकट आभार 
प्राणांत किया मातृभूमि की रक्षा में नतमस्तक हूं बारम्बार बारम्बार..🌹
        
      🇮🇳🙏 वन्दे मातरम्  🙏🇮🇳
         
         चंन्द्र प्रकाश गुप्त "चंन्द्र" 
         (अहमदाबाद , गुजरात)
           
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16 जून 2020 भारत के निहत्थे उपरोक्त 20 वीर सैनिकों ने चीन के 53 सैनिकों को गर्दन मरोड़ कर मौत की नींद सुला दिया था और लड़ते हुए स्वयं वीरगति को प्राप्त हुए उन सभी वीर सपूतों को मैंने कविता का
 रूप दिया ताकि वो सदैव स्मृतियों में बसे रहें, कोटि कोटि नमन वंदन करता हूं ❤️🙏🙏
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मैं चंन्द्र प्रकाश गुप्त चंन्द्र अहमदाबाद गुजरात घोषणा करता हूं कि उपरोक्त कविता मेरी स्वरचित मौलिक एवं अप्रकाशित है
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