मंच को नमन 💐💐🙏🙏
विषय : इश्क़ हैं इबादत..💕💕
इश्क़ हैं ख़ुदा का नायाब तोहफ़ा
इश्क़ का दूजा नाम समर्पण..
इश्क़ में जब हम पड़ते हैं तो
दुनियादारी भी बिसरते हैं..
सच्चा इश्क़ हैं इबादत जैसा
जिसमें ना होता कोई प्रपंच..
इश्क़ हैं निर्मल नीर सा
जिसकी अनंत गहराई हैं..
इश्क़ में उच्छृंखलता बेमानी
यह तो एक एहसास रूहानी..
इश्क़ की मिथ्या छवि दिखाकर
इसे ना तुम दाग़दार करो..
हाँ, इश्क़ ख़ुदा का नायाब तोहफ़ा
कर सको तो इसकी इबादत करो.. !!
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"शालिनी कुमारी "
शिक्षिका
मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार )
(स्वरचित मौलिक कविता )
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