कवि राजेश तिवारी "मक्खन" जी द्वारा 'श्री राधाष्टमी' विषय पर रचना

श्री राधे
वृषभानु दुलारी कीर्ति कुमारी गिरिधर प्यारी श्री राधे ।
वरसाने वारी भव भय  हारी  दास  बिहारी  श्री राधे ।।
ब्रह्मांचलवासिन कलुषविनासिन व्रजरजरासिन श्री राधे ।
ललितादि सहेली परम पहेली वृंदावन खेली श्री राधे ।।
ब्रह्मादिकवंदित नंदनंदननंदित शीतलसुखचंदित श्री राधे ।
वृंदावन धीश्वरी परम ईश्वरी प्रिय प्राणेश्वरी श्री राधे ।।
मक्खनप्रिय प्यारे आप सहारे हो दरश तिहारे श्री राधे ।
वृंदावन निधि वन भांडीर वन   मोहन मन हारे श्री राधे ।।

राजेश तिवारी "मक्खन"

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ