दिनांक - 21.09.2020
*विषय - पहली रचना और कवि*
*******************
पहली रचना
और कवि
तुलनात्मक
सुंदर छवि
काव्य की
गंगा का
आंनद लेंगे
हम सभी
अंतर्मन से
अनुभव से
बनाई यह
मोती लड़ी
*******************
जैसे सूरज
पहली किरण
रोशनी बिखरे
दमके आँगन
जैसे चाँद
प्रेम बंधन
श्वेत चाँदनी
ठंडक मन
जैसे आकाश
बृहद विराट
नीला काला
आस विश्वास
जैसे सागर
चंचल लहरें
गहरी शांति
नभ घनेरे
जैसे ओस
प्यासा मुख
नाजुक मोती
टपकता बूँद
जैसे नवोदित
खिला गुलाब
भरपूर ताजगी
अनूठा गुलाब
जैसे शिक्षक
प्रथम क्लास
नव अनुभव
अद्भुत प्रयास
जैसे दुल्हन
कदम ख़ास
छुई-मुई कली
नया आभास
जैसे बच्चा
सृष्टि अंकुर
जीवन प्रेम
अनुपम नूर
जैसे नायक
ग़ज़ब किरदार
एक रात में
सुपर स्टार
जैसे नर्सरी
अबोध छात्र
ज्ञान अधूरा
कच्चा पात्र
जैसे कवि
पहली रचना
काग़ज कलम
सुनहरा सपना
मधु भूतड़ा
गुलाबी नगरी जयपुर से
#ekpehalbymadhubhutra
0 टिप्पणियाँ