नारीत्व#नीलम डिमरी जी द्वारा बेहतरीन रचना

नमन वीणा वादिनी
दिनांक---21/09/2020
दिवस---- सोमवार
      विषय-- नारीत्व
       विधा-- स्वतंत्र
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नारी किसी से कम नहीं,
 ज्ञान की देवी, मान की लक्ष्मी, 
काली - दुर्गा, या घर की लक्ष्मी, 
जीने का आधार इसके बिना नहीं, 
नारी किसी से कम नहीं।। 

खुशियों का संसार यही,
घर को जो स्वर्ग बना दें, 
वह चमत्कार है यही,
चांद की चांदनी यही,
 सूरज की रोशनी यही, 
नारी किसी से कम नहीं।।

पति का मान यही,
घर की शान यही, 
संस्कारों की खान यही, 
ममता - शक्ति का अभिमान यही,
नारी किसी से कम नहीं।। 

दर्द त्याग की मूरत यही,
धरती, नदिया की सूरत यही,
अपने अस्तित्व की जागृति यही,
 नारी किसी से कम नहीं ।।

फिर क्यों======

पुरुषवादी मानसिकता से ग्रसित है वह,
दुनियादारी के हिसाब से भ्रमित है वह,
 उसे वास्तविकता में जीने दो,
समानता की सीढ़ी चढ़ने दो।।

 क्यों वह सबके जुल्म सहे, 
घुंघट में हरदम क्यों रहे,
 क्यों वह लाचार बन जाती है,
 अपना अस्तित्व क्यों भूल जाती है। 

पुरुष के जीवन का आधार भी वही, 
पूर्णरूपेण संसार का आकार भी वही,
 तो फिर क्यों वह स्वतंत्र नहीं,
 क्यों उसके सुख का कोई मंत्र नहीं ।

वह जितना घिसती है, 
उतना ही वह निखरती है, 
परमेश्वर ने उसे ऐसा बनाया, 
हर परिस्थिति में वह ढलती है।।


  रचनाकार-- नीलम डिमरी
  चमोली,,, उत्तराखंड

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