कवयित्री- आ. नीलम डिमरी जी द्वारा सुंदर रचना

नमन वीणा वादिनी
दिनांक--19/09/2020
विषय --मंजिल
विधा-- स्वतंत्र

थकना नहीं चलत रहना,
नित कदम कर आगे बढ़ना,
नदी की तरह रहना सीखो,
राह बनाकर उसमें तैरना।

अपनी मंजिल की राह बना ले,
अपने गर रूठे हो तो उन्हें मना ले,
ओझल नहीं हो लक्ष्य एक भी पल,
उसे पाने का सपना आंखों में सजा ले।

तू राही है निरंतर चलना,
तुझे अपना इतिहास है रचना,
लगा दे पूरी ताकत मंजिल पाने में,
ख्वाहिश अपनी अब पूरी करना।

संकल्प ले अपने मन में,
उत्साह कम ना हो तन में,
विश्वास रख खुद पर इतना,
मजा नहीं है अब थकान में।।

रचनाकार ----नीलम डिमरी
   चमोली ,,,उत्तराखंड

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