हृदय बहुत दुःखी हुआ।
दरिंदों ने दरिंदगी के बाद
बहन मनीषा वाल्मीकि की
जीभ भी काट दी।
मनिषा वाल्मीकि अपना दर्द भी
बयां नही कर सकी और
धरती के भगवान कहे जाने वाले
डॉक्टर भी बहन मनिषा को नही बचा पाए।
इस से आप अनुमान लगा लो
दरिंदों ने कितना अत्याचार किया होगा।
इस वीभत्स घटना के दर्द पर मेरी दर्द भरी कविता
भारत री धरती शर्मसार हो रही है।
बलात्कारियाँ री टोली प्रसार हो रही है।।
राम-कृष्ण री धरती रावण री हो रही है।
आए दिन बहन बेटी शिकार हो रही है।।
गंगा सी पावन धरा बदनाम हो रही है।
बहन बेटी री इज्जत नीलाम हो रही है।।
कानून री पकड़ दिनोंदिन कम हो रही है।
हैवानियत री मिनखाँ में वृद्धि हो रही है।।
गुण्डाँ री... गुण्डागर्दी सफल हो रही है।
सरकार... नियंत्रण में विफल हो रही है।।
अपराध में भी कांग्रेस बीजेपी हो रही है।
बेशर्म नेताओं में झड़पा झड़पी हो रही है।।
आज सुखदेव टैलर की आत्मा रो रही है।
बलात्कार की खबरों से रूह कांप रही है।।
मौलिक रचना
सुखदेव टैलर, निम्बी जोधाँ
नागौर, राजस्थान
नोट- जब तक बलात्कारियों के खिलाफ कड़ा कानून नहीं बनता तब तक ऐसी वीभत्स घटना का अंत मुश्किल लगता है।
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