स्वरचित रचना
मुश्किल रास्ते से चल
बेहतर चलना सीखेगा।
समस्याओं से घिरकर
बाहर निकलना सीखेगा।।
रास्ते तो कट जाएंगे।
किन्तु जब नौका खेपेगा।
तो सूरज सा उगना सीखेगा।।
फूलो पे चल के क़ौमल ना बन।
अंगारों पे तपन सहन करना सीखेगा।
प्रकाश कुमार मधुबनी
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