😊डांस पर चांस😊
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इस दुनिया मे इतनी है उलझनें,
नही मिलता है किसी को चांस।
चलती हमेशा ऊपरवाले की यहाँ,
अपनी मर्जी से करवाते है डांस ।
कभी डेंगू डांस फिर कोरोना चास,
ये बिना मर्जी के डांस पर चांस।
दुनिया को आये बुरी तरह रोना,
मिलता सब ईश्वर के द्वारा एडवांस।
मानव को पड़ा अपने पापों को ढोना,
भगवान भी चलाते ऑन-लाइन क्लास।
दुनिया मैनें बनाई प्रतियोगिता मुझसें तेरी,
मेरी मर्जी पर तेरी हर धड़कन और साँस।
किया,भ्रष्टाचार,शोषण,हत्या का नृत्य तांडव,
कोरोना ने निकाली अकड़ किया निराश।
जिनको तू अपना कहे उन्होंने बनाई दूरी,
सभी को अब अपनी जान लगती खास।
जैसा कृत्य करोगे वैसा नृत्य पड़ेगा करना
लोभ-लालच में बढ़ती रही तुम्हारी प्यास।
जैसा कर्म कर आये उसे पड़ेगा भरना
अब कुदरत की मर्जी वही फिर देगा चांस,
उनकी होगी मर्जी तब तक होगा डरना।
कर्मो का निग्रह देकर करवाएगा डांस,
फिर अपनी मर्जी से तुम भी लेना चांस,
, मास्क लगा, बनाओ अपनो से थोड़ी दूरी।
पहले घर से निकलने का कर लो प्रयास,
धूम-धड़ाका होगा फिर से होगी पार्टी-वाटी,
अपनी मर्जीवाला फिर लेना डांस पे चांस।
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स्वरचित और मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
लेखिका:-शशिलता पाण्डेय
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