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लॉक-डाउन में शिक्षकों की स्थिति
शिक्षकों ने सोचा नहीं होगा एक दिन ऐसा भी आएगा।
प्यारे बच्चों के चेहरों से दूर अॉनलाइन पढ़ाना पड़ेगा।
जिन बच्चों को मोबाइल से दूर रहने की हिदायत देते।
उन्हीं को रोज मोबाइल में ही पढ़ाई करने को कहते।
अब ऑनलाइन क्लास लेना पड़ता शिक्षकों रोजाना।
चॉक डस्टर छोड़, पङता कीबोर्ड पर उँगलियाँ चलाना।
बच्चे बदमाशी करते नेट प्रॉब्लम कह क्लास छोड़ देते।
शिक्षक बच्चों को डांट भी नहीं सकते खुद को समझाते।
लाईव क्लास में शिक्षकों को वो मजा नहीं आता।
सामने बच्चों को अनुशासन में रख पढ़ाने में आता।
अब शिक्षकों को कभी काम से स्कूल जाना पड़ता।
सिर्फ इमारत दिखाई दे बिन बच्चों के सुना लगता।
अब शिक्षक रोजाना ऑनलाइन क्लास लेते रहते।
अब टेस्ट की तैयारी भी शिक्षक ऑनलाइन करते।
बच्चे पढ़ाई ढंग से नहीं करते है शिक्षक सोचते रहते।
बच्चे ऑनलाइन भी बदमाशी करने से बाज नहीं आते।
शिक्षकों को भी अॉनलाइन पढ़ाकर सन्तुष्टि नहीं मिलती।
बच्चे पढ़ते नहीं अभिभावक परेशान फीस भी देनी पड़ती।
कलावती कर्वा
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