पिता आत्माराम दूबे
माता हुलसी की संतान
माता पिता ने दिया त्याग
पालन किये नरहरि दास
रत्नावली संग विवाह रचाया
उसने ही वैराग्य दिखाया
आराध्य जिनके राम थे
राम ही काव्य का आधार थे
थी भक्ति दास्य भाव की
रामचरित मानस जिनकी श्रेष्ठ रचना थी
कवितावली ,गीतावली,
विनय पत्रिका, बैराग्य संदीपनी
दोहावली कुछ रचनाएँ अन्य थीं
लोकमंगल की भावना
काव्य की विशेषता था
रामसीता मिलन विरह
श्रृंगार रस अनूठा था
राम राम का जप करते ही
त्यागे काशी में त्यागे प्राण
स्पर्श जिनका पाकर
कविता भी सुशोभित होती है
ऐसी मूरत साहित्य की
वो तुलसीदास अनूठी हैं
स्वरचित
नेहा जैन
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