हाय हाय ये मजबूरी आज केसी हे ये दूरी
सब मिलनें से कतराए दूर से हाथ हिलाए
तेरी कैसी ये मजबूरी अपनो से भी हे दूरी
कहर कोरोना माना पर रिश्ते भी हे जरूरी ॥
बाप बेटे में कैसी दूरी हाय केसी ये मजबूरी
. वृध्दा आश्रम पहुँचाए फिर भी इंसान कहाए
तू मानव नही कसाई तूने दिलपर चलाई छुरी
हाय-हाय ये मजबूरी आज केसी हे ये दूरी ॥
मंदिर-मस्जिद बंद भगवान से बढ़ गई दूरी
करो माता-पिता की सेवा मन मंदिर मे बसा लो
मन कॊ मंदिर बना ले मंदिर मस्जिद नही जरूरी
हाय-हाय ये मजबूरी आज केसी हे ये दूरी ॥
हाय कैसी ये मजबूरी , पशुओं पे चलाए छुरी
तेरा तनिक जीभ का स्वाद उनका तो जीवन जाए
अब स्वार्थ कॊ तुम हा त्यागो पापों से बनाओ दूरी
हाय-हाय ये मजबूरी , आज केसी हे ये दूरी ॥
हाय नही कोई मजबूरी ,अहिंसा धर्म जरूरी है
अपना लो अपना लो इसे भव भव सुखकारी है
निर्दोष "लक्ष्य" जीवन मे बस प्यार ही जरूरी है
हाय कैसी ये मजबूरी हाय केसी ये दूरी है ॥
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