'बदलाव मंच' अध्यक्षा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय रूपा व्यास द्वारा 'बेटी' विषय पर कविताएंँ

*नमन-'बदलाव मंच'*

मेरी 'बेटी' विषय पर  मौलिक व स्वरचित चार कविताएँ-
                 *1.बेटी*

बेटी के आने से घर में खुशियाँ आती।
ना जाने क्यों माता-पिता के जीवन की सारी कमियाँ इनके आने से ही दूर हो जातीं।
प्यारी-सी हँसी प्यारा-सा एहसास।
सारी बुझाती वो थकान व होंठो की मुस्कान रूपी प्यास।।
परी, पुत्री,लाडो,आत्मजा हैं ,नाम अनेक।
बेटी उसको मिलती जिसकी नियत हो नेक।।
अब बेटी भी बेटों से कम नहीं।
तो क्यों धरती पर भ्रूण हत्या की इति नहीं।।

        *2.बेटी बचाओ*
प्राचीन काल से बेटी को माना जाता रहा शाप।
पर ऐसा सोचना भी है हमारे लिये पाप।।
एक लड़की के बिना,एक लड़का कभी जन्म नहीं ले सकता।
तो क्या उसे जीवन जीने का अधिकार नहीं दे सकता।।
तो क्यों तुम महिलाओं-लड़कियों के प्रति हिंसा करते।
क्या तुम प्रकृति के नियम से नहीं डरते।
लड़कियों पर क्यों तेजाब से हमला किया जाता।
आदमी लड़की पर क्रूरता का शिकार क्यों करता जाता।।

        *3.बेटियों का महत्व*
लड़की समाज के लिए हमेशा आशीर्वाद रही।
वहीं संसार की निरंतरता का कारण सही।।
त्योहारों पर देवियों की पूजा करते।
घर की महिलाओं के प्रति थोड़ी सी भी दया महसूस नहीं करते।।
लड़कियाँ समाज का आधार स्तंभ।
बच्ची, बेटी,बहन,पत्नी,माँ के रूप में दूर करती जीवन के तम।।
मैं पूछती हूँ,समाज से-
लड़कियों के बारे में सत्य और जानने के बाद भी लोगों की आँखें क्यों न खुले फिर से...
लोगों की आँखें क्यों न खुले फिर से...

     *4.बेटियों की सुरक्षा*
बेटी पूर्ण करती समग्र ज़िम्मेदारी।
तो पुरूष क्यों बनता अत्याचारी।।
आधुनिक युग में भी बेटी हिंसा का शिकार होती।
हम सब के लिये यह शर्मनाक बात साबित हो जाती।
अब पुरूष प्रधान प्रकृति हटाओ।
अरे! बेटी बचाओ,बेटी बचाओ।।
कन्या बचाओ अभियान में सक्रियता से भाग लेना चाहिये।
हमें दुराचार, दुर्भावना का भाव मन से दूर करना चाहिए।

-रूपा व्यास
*अध्यक्षा,राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय 'बदलाव मंच'*
-'परमाणु नगरी' रावतभाटा,
चित्तौड़गढ़,राजस्थान
               धन्यवाद

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