बाल रचनाकार मनराज सिंह द्वारा 'बेटी' विषय पर कविता

 बेटियाँ

जलते सूरज की रोशनी की तरह,
या मणि की भांति,
 जीवंत बेटियां हैं, किसी से पीछे नहीं।
नए भविष्य की हर उम्मीद उनके साथ है।
व्यक्तित्व ही उनके रास्ते का नेतृत्व करता है,
प्रत्येक पदार्थ के अनुकूल और कोई भी उनका मन नहीं चुरा सकता।
हर पहलू में अद्वितीय और हमेशा दुनिया को एक अलग देने की कोशिश करती हैं,
लड़की एक शक्तिशाली शब्द है जो सभी प्रकार के गुणों को प्रदर्शित करता है।
ऐतिहासिक किंवदंतियाँ भी बेटियाँ हैं,
विजयी और हर क्षेत्र में सफल।
पानी के रूप में हमेशा काम करने वाला और मेहनती।
सही कहा गया है, बेटियांँ दुनिया की ढाल हैं।

*स्वरचित व मौलिक*
मनराज सिहं
कक्षा 8

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