लोक -डाउन में शिक्षकों की स्थिति*# आराध्या अरु* जी के द्वारा गद्य लेख#

*बदलाव अंतर्राष्ट्रीय मंच* पर आयोजित साप्ताहिक प्रतियोगिता के लिए मैं दिए हुए विषय *लोक-डाउन में शिक्षकों की स्थिति* पर अपने मौलिक विचार *लिखित रूप* से प्रस्तुत कर रही हूँ.  

विषय : *लोक -डाउन में शिक्षकों की स्थिति*आराध्या
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लॉकडाउन  मे जहाँ पूरी दुनिया पर फर्क पड़ा है. ज़नजीवन उथल पुथल हुआ है और अर्थव्यवस्था पर भी काफ़ी फर्क पड़ा है.
फिर शिक्षक जो की हमेशा से अपने कड़ी मेहनत के एवज़ मे बहुत कम वेतन पर काम करते आये हैँ उनका वर्तमान और भविष्य काफ़ी असुरक्षित सा हो गया है. जहाँ महीने की बँधी बंधाई रकम पर हाथ बांधकर खर्चने के आदी थे,  उन्हें बहुत तंगी दौर से गुजरना पड़ रहा है. बहुत कम प्रतिशत शिक्षकों के अकॉउंट मे सैलरी गई हो.
वरचुएल क्लास मे पढ़ाकर शिक्षक को एक तरह से अपने काम के प्रति न्याय होता नहीं लग रहा.
इसके साथ ही प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों के मन के कहीं गहरे एक डर समाया हुआ है कि... पता नहीं ज़ब सब कुछ सामान्य होगा और दुबारा से स्कूल खुलेंगे तब पता नहीं उन्हें दुबारा नौकरी पर रखा जायेगा या नहीं.
कुल मिलाकर शिक्षक का भविष्य बहुत असुरक्षित महसूस हुआ है शिक्षकों को और वर्तमान मे भी ऑनलाइन क्लास मे मेहनत बराबर करनी पड़ रही है. 
बस इंतजार है... एक नई शुरुआत की, जहाँ शिक्षक की नौकरी को भी पर्याप्त अहमियत दी जाएगी.
  *आराध्या अरु* दिल्ली से.

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