कवियत्री प्रीति पाण्डेय जी द्वारा खूबसूरत रचना...

मन में सूरत बसी तुम्हारी 
तुम ही जीवन का आधार, 
मुझको सब कुछ तुमने दिया है 
नमन है बारम्बार हे कान्हा नमन है बारम्बार... 
हर पल सोचूं तुमको निहारूं 
सांझ सवेरे तुमको पुकारूं 
सुन लो मेरी पुकार हे कान्हा 
नमन है बारम्बार.. 
तुम खुश हो तो मेरी हंसी है 
तुममे ही मेरी जान बसी है 
पावन है मेरा प्यार 
हे कान्हा नमन है बारम्बार.. 
व्याकुल मन मेरा चैन ना पाये 
बिन तेरे अब रहा ना जाये 
मिल जाओ इक बार 
हे कान्हा नमन है बारम्बार.. 
जब तक सांसे मेरी चलेगी
प्रेम की मन में ज्योति जलेगी 
कर दो भव से पार 
हे कान्हा नमन है बारम्बार.. 
मन में सूरत बसी तुम्हारी 
तुम ही जीवन का आधार 
मुझको सब कुछ तुमने दिया है 
नमन है बारम्बार.. 


प्रीति पान्डेय

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