ए खुदा#रूपक जी द्वारा धमाकेदार रचना#

ऐ खुदा तुमने इन बेबस, लाचार और गरीब इंसानों की
 किस्मत ऐसा ही क्यों लिखा
इनकी ही किस्मत लिखने वक्त क्यों तुम्हारा मन बदल
 गया था या कौन सा जुल्म की सजा लिखा।

हे मेरे राम(भगवान) जो इनको भूख से, दर्द से, और पल
 भर के खुशी के लिए भी तड़पता हुआ किस्मत लिखा
किस गलती का बदला लिया इनसे या क्या ये तुम्हारा
 संतान नहीं था जो इनका ऐसा किस्मत लिखा।

तुम ही सबका भाग्य, विधाता देने वाले हो, मैं ये क्यों
और कैसे तुमको ही भगवान या खुदा समझदार मानूं
फिर भी जो तुम्हे  सबसे पाक और पूजनीय मानता है
इन सभी नादानों को मैं कैसे  विद्वान मानूं।

सभी इंसानों के अगर तुम ही भाग्य विधाता हो तो इनके
 किस्मत में इतना फासला क्यों लिखा
किसी को जिल्लत भरी जिंदगी और किसी को मन्नत
 भरी जिंदगी किस्मत क्यों लिखा।

तुमने यहां ऐसे इंसानों को जन्म ही क्यों दिया जो किसी
 का लाखों दर्द और जुल्म सहने पर मजबुर होता हो
इनकी हालत देखकर क्या तुम्हारा मन जरा सा कल्पित
और दुखी नहीं होता है तुम कैसा भाग्य विधाता हो।

सुना है कि तुम बली लेने से बहुत जल्दी खुश होते हो 
और मान जाते हो खुशी के लिए मेरा ही बली ले लो
मुझसे इनका दुख और दर्द देखा नहीं जाता है और बस
 तुम इनका सब दुख दर्द और तकलीफ को दूर कर दो।
©रुपक

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