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बेटी अनमोल रत्न...
🤷♀ बेटियां 🤷♀
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भारतीय संस्कृति की आन-बान-शान है बेटियां।
हर काम में निपुण,सदगुणों की खान है बेटियां।।
घर-आंगन की अनुपम खुशबू होती है बेटियां।
पिता के भाल पर,सुंदरतिलक बन रहती बेटियां।।
ढुमक-ढुमक, मनभावन प्यार लुटाती बेटियां।
संकट कितना भी, खुशियों का सावन बेटियां।।
तभी सब कहते,साक्षात दुर्गा का रूप है बेटियां।
समय आने पर,झांसी की रानी बन जाती बेटियां।।
सुंगध किसी बगिया की,तो गगनपरी है बेटियां।
चाहे कम बोले पर,काल से कब डरी है बेटियां।।
बेटों की चाह सभी को,वंश तो चलाती हैं बेटियां।
इस जीवन में परमेश्वर का अंश होती है बेटियां।।
राजस्थानी विनती करता,बेटी अनमोल धरोहर।
पीले हाथ करने का मिले सभी को शुभ अवसर।।
©®
रामबाबू शर्मा,राजस्थानी,दौसा(राज.)
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