विषय- *बेटियांँ*
आईना मांँ का बनकर पली बेटियांँ
मां के आंचल में फूली फूली बेटियांँ
कन्यादान का सौभाग्य देकर चली बेटियांँ
अलबेली बेल सी आगे बढ़ी बेटियांँ
मान कुल का सदा बढ़ाती रही बेटियांँ
अभिमान माता-पिता का रही बेटियांँ
खुशियों का मधुर सागर लिए बेटियांँ
अपने भाइयों की ढाल बनी बेटियांँ
सृष्टि का अद्भुत श्रृंगार यही
बेटियांँ
हौसला सबका बढ़ाती
बेटियांँ
रोती आंखों में खुशियां सजाती बेटियांँ
किस्मत वालों के घर में होती बेटियांँ।
साधना मिश्रा विंध्य
लखनऊ उत्तर प्रदेश
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