अपने आत्मराम की
अपने आत्मराम की
तेरे आत्मराम की
स्वार्थ की ये दुनियाँ सारी
स्वार्थ के ये रिश्ते है
कोई किसी का नही है जग मे
ना तेरे बीबी बच्चें है
लो हमने तो लिखी कहानी
अपने आत्मराम की ॥
भ्रष्टाचार का बोल बाला है
चारो और है लूट मची
जिसकॊ जरा सा मिला है मौका
लूट रहा बेखौफ है ।
लो हमने भी लिखी कहानी ॥
हिंसा का तांडव मचा है
पापों का है जोर
चारो और मचा कोहराम है
ये पापों का परिणाम
यही तो कोरोना का कहर
लो हमने भी लिखी कहानी ॥
धर्म के नाम पर पाखंड मचा है
जात पात मे देश देश बटा है
घर घर मे दीवार खड़ी है
भाई भाई की बात तो छोड़ों
बाप और बेटा भी बटा है
माँ तो होगई शून्य
लो हमने भी लिखी कहानी ॥
आतंक का साम्राज्य है छाया
झूठ ठहाका लगा रहा है
सच्चे का मुँह है यहाँ काला
अब तो बड़ा मुश्किल है भाई
नारी कॊ अस्मत बचाना
लो हमने तो लिखी कहानी
अपने आत्म राम की
अपने आत्म राम की
"लक्ष्य" तेरे आत्म राम की
निर्दोष लक्ष्य जैन
स्वरचित धनबाद झारखंड
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