रिश्तों में पैदा होता इंसान
रिश्तों में खुशियो ,गम को
जीता पीता आँसू मुस्काता इंसान।।
रिश्ते माँ की कोख से ममता का
आँचल पिता की गोद कंधे की शान जीवन की पूंजी रिश्ते नाते
परिवार समाज।।
नेकी बादनेकी का जीवन
संसार जीवन की ताकत पूंजी प्यार परिवरिश का परिवार।।
जीवन की सच्चाई है रिश्तों
नातों का आभार ,अभिमान
जीवन की पाई पाई मेहनत की
कमाई अपर्ण कर देता रिश्तों को
ही इंसान ।।
जीवित जाग्रत जीवन यात्रा का अधिकार जीवन में रिश्ते चलते साथ साथ जीवन के बाद भी चुकाना होताऋण आभार ।।
जीवन के बाद परछाई रिश्तों
का साथपरछाई रिश्तों का तर्पण
कर्म ,धर्म ,दायित्व का सद्भभाव।।
श्रद्धा ,आस्था ,विश्वास
आने वाले आते है ,जाने वाले
जाते है ,आना जाना जन्म जीवन
सृष्टि का नित्य निरंतर प्रवाह।।
सृष्टि के नित्य निरंतर प्रवाह में
रिश्ते यादों अतीत की छाया की काया मायासत्यार्थ।।
जिसने अपने जीवन का सब
अर्पण कर दिया भाव भावना
रिश्तों के पास।।
बस दुनियां में शेष रह गया उन
रिश्तों का नाम
जीवित जाग्रत रिश्तों की जिमेदारी अतीत अस्तित्व के रिश्तों के ऋण दायित्व का करे
भरपाई निर्वाह।।
अर्पण सब कुछ करने वाले का
तर्पण पूण्य प्रताप प्रवाह असंवेदन रिश्तों की संवेदन चेतना का अतीत को तर्पण
आदि अंत अनंत को अंगीकार प्रत्यक्ष प्रकाश।।
कुल पीढ़ी
परंपरा का रिश्ता नाता का
स्वागत संकल्प तर्पण तारण
सदाचार संस्कृति संसकार।।
तर्पण आत्म भाव है छाया
रिश्तों का प्रमाण पहचान
माँ बाप दादा-दादी नाना नानी
रिश्तों के अस्तित्व का आधार।।
रिश्तों के दामन का मानव
महिमा अपरम्पार
तर्पण आत्म बोध का संतोष
न्यायोचित रिश्तों का अधिकार।।
यादों में रिश्तों के जाने कितने
इतिहास के वर्तमान
तर्पण अर्पण का तथ्य सत्य का
सार्थक रिश्तों का प्यार ।।
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