दिनांक--24/09/2020
दिवस --गुरुवार
विषय-- **नशा**
विधा---- हाइकु
मेरे देश में~
नशा अभिशाप हो
मत लो इसे।
गिर गया है~
जमीर इससे तो
इंसा गिरा है।
दूषित हुआ~
है समाज इससे
कैसा रिवाज।
नशे में फंसी~
बुजुर्ग और बच्चे
हुये बर्बाद।
अब अय्याश~
जीवन यापन से
मन कुंठित।
नशा छोड़ दो~
निज कर्म करिए
रहो आबाद।
रचनाकार--- नीलम डिमरी
चमोली,,,, उत्तराखंड
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