एक दूसरे से करते है प्यार हम#

एक दूसरे से करते है प्यार हम
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हम सभी हिन्द देश के निवासी,
एक दूसरे से करते है प्यार हम।
भिन्न-भिन्न धर्म और रूप हमारे,
रहते एक दूसरे के दिल मे हरदम।
अलग-अलग हैभाषा और बोली,
संग मिलकर त्योहार मनाते हम।
चाहे क्रिसमस ईद दीवाली होली ,
जब देश पर हमला दुश्मन ने बोला।
सीने पर संग- संग मिल खाई गोली,
चर्च हो या मंदिर मस्जिद या गुरुद्वारा।
हरदम झुकता श्रद्धा से शीश हमारा,
हिन्दू, मुस्लिम और  सिख-इसाई ।
रहते मिलकर जैसे एक भाई-भाई,
अपने घर मे अलग विचार हो थोड़ा।
एक दूसरे से मतभेद भी हो तो,
पर मुश्किल में साथ न छोड़ा ।
भिन्न जाति और धर्म के आजादी के दीवाने,
ऐसा देश नही,जो अनेकता में एकता।
भारत के वीरो का लोहा ना माने,
  मस्तक का मुकुट,हिमालय की चोटी।
  झुक-झुक पाँव पखारे जिसका सागर,
अपना देश जहाँ की मिट्टी में लक्ष्मी लेटी।
कला और सांस्कृतिक यहाँ की धरोहर,
यहाँ मिलती पड़ोसी देशों को भी रोटी।
 वतन पर मर मिटने कीयहाँ कथा पुरानी,
सरस्वती का रूप यहाँ के हर घर की बेटी।
 याद है राजस्थान नारी की जौहर की कहानी,
  यहाँ अनेकता में एकता की धारा।
  सिखाते करना सबसे आपस मे प्रेम,
  एक दूसरे से करते प्यार है हम।
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स्वरचित और मौलिक
सर्वधिकार सुरक्षित
रचनाकारा:-शशिलता पाण्डेय

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