हिन्दी पर व्यंग्यात्मक मौलिक रचना
हिन्द देश के वासी हम
हिन्दी भाषा बोलते कम...
हिन्दी दिवस पर दिखावा,
हिन्दी हिन्दी चिल्लाते हम।
शेष दिन हिन्दी छुपाकर,
अंग्रेजी झाड़ते हम।।
गर्व भी करते हिन्दी पर,
हिन्दी बोलते शर्माते हम।
सीनातान अंग्रेजी बोलते
है हिन्द देश के हिन्दी हम।।
स्वयं हिन्दी बोलते नही,
हिन्दी उच्च के सपने देखते हम।
बच्चा अंग्रेजी स्कूल में पढे,
हिन्दी श्रेष्ठ बने चाहते हम।।
चुनाव पहले नेता हिन्दी बोलते
कान लगाकर सुनते हम।
जीतने के बाद अंग्रेजी झाड़ते
हृदय पत्थर रख सुनते हम।।
हमारी भाषा को भी सम्मान मिले
सुखा कहे राजस्थानी हम।
पर हिन्दी का सम्मान करते
क्योंकि माता की माता मानते हम।
हिन्द देश के वासी हम
हिन्दी भाषा बोलते कम...
मौलिक रचना
✍️सुखदेव टैलर, निम्बी जोधाँ
नागौर, राजस्थान
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