हिन्दी की महिमा# डॉ. रेखा मंडलोई इंदौर जी द्वारा बेहतरीन रचना#

हिंदी की महिमा
हिन्दी है सरल, सहज बनी हुई जन- जन की भाषा।
पूरी करे हम सब भारत वासी की स्वप्निल आशा।
दिन- प्रति फूटती नई- नई कोपलों की है ये प्रसूता।
करोड़ों भारतीय लोगों के दिलों में जगाती उम्मीद की आशा।
काल पर भी विजय दिला सबकी करती पूरी अभिलाषा।
गुलाम भारत को आजादी दिलाने के इतिहास की गाती गाथा।
क्रांति वीरों को एक सूत्र में बांध पूरी करती आजादी की आशा।
अखंडता से सबको जोड़े रखने की मन में जगाती आशा।
मधुरता पूर्ण सद्व्यवहार और समरसता को बढ़ाती भाषा।
विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित करने की पूरी करती अभिलाषा।
विश्व में दूसरे स्थान से पहले पर शोभित करने की जागती आशा।
            डॉ. रेखा मंडलोई इंदौर

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