रामधारी सिंह दिनकर#माधवी गणवीर जी बदलाव मंच#

*जयंती विशेष*
रामधारी सिंह दिनकर
ओजस्वी, तेजस्वी, थे राष्ट्रकवि
ओज, रौद्र,वीर सब पर करते प्रहार
साहित्य जगत,देश प्रेम की मिशाल
हे,भारत के राम जाग,जैसा दिया उपहार।

प्रखर, मुखर,ओजस्वी वक्ता,
सामाजिक चेतना,समृद्ध जन जागरूकता,
जनमानस के पटल पर विराजित, अप्रतिम, स्मृति,छवि बिखेरता।

कुरुक्षेत्र और रश्मिरथी के प्रणेता समरशेष,प्रेम पथी या हो हुकार,
कोई अर्थ नहीं और आश का दीपक,
दिखा उनका हर क्षेत्र में शब्द मुखर।

"कलम या कि तलवार" के धनी,
विपत्ति में कायर को ही दहलाती है,
देशप्रेम हो या जागरूकता की कहानी
दिनकर की याद पर बरबस आती है।

माधवी गणवीर
राजनादगांव
छत्तीसगढ़

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