तेरे जैसा यार कहाँ ,कहाँ ऐसा याराना!#शशिलता पाण्डेय जी द्वारा शानदार रचना#

🌹तेरे जैसा यार कहाँ ,कहाँ ऐसा याराना!🌹
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 मुश्किल बहुत गहरे सागर में,
ढूढ़ना एक छोटा सा  मोती!
मुश्किल ढूढ़ना ऐसा याराना,
जो गायें अपने सुर में तराना!
मिलेंगें गानेवाले औरों के सुर में,
सच्चाई को सच बताने को जिगर!
मिलता कहाँ ऐसा कहीं याराना?
हिम्मत से करें झूठ को उजागर,
जो नहीं डरे, जो कोई चाहें डराना!
जो हरदम सच्चाई के साथ खड़ा,
चाहें क्यों ना जमाना पीछे पड़ा!
जानें नहीं, बेवजह सर झुकाना,
कहाँ मिलेगा ऐसा निडर दोस्ताना!
जो लालच में झूठ को सच बताएं,
दो कौड़ी के लालच में तलवे सहलाये!
झूठा प्यार दिखाकर दोस्ती जताएँ,
वो रिश्तों की पोशाक पहन भरमाये!
ऐसी दोस्ती से ईश्वर सबको बचाना,
पड़ सकता अपनी जान भी गवाँना!
जो समर्थन करें गलत अत्याचारों का,
ऐसे अपनों से ना अपनापन बढ़ाएं!
जो बनकर मीठी छुरी सा यारी निभायें,
कभी ऐसे लोंगों से ना रखना याराना!
पड़ जायें ना कहीं बाद में खुद पछताना,
बड़ा मुश्किल हैं सच्चा यार ढूंढ पाना!
क्योकी कभी पड़ जाता जान भी गवाना,
सोच समझकर निभाना अपना याराना!
जो गंदी आदतों नशे के लिए करे मजबूर,
थोड़ा सावधानी से, अपना दामन बचाना!
रेंगते विषैले विषधर,दोस्ती के नामपर
मीठी वाणी अमृत के बहाने विष पिलाते !
  अपने गम को भी जो खुशियाँ बना दे,
  जो वफ़ादारी से निभायें अपना याराना!
  जिन्दगी बन जाये न मुश्किल फसाना,
  जो गलत और सही दोंनों  का फर्क बतायें
  तेरे जैसा यार कहाँ, कहाँ ऐसा याराना!
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स्वतचित और मौलिक
सर्वधिकार सुरक्षित
कवयित्री:-शशिलता पाण्डेय   
   
   



 

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