पवित्र बंधन#कलावती कर्वा जी द्वारा श्रेष्ठ रचना#

पवित्र बंधन

प्रभु का ह्रदय में वास सब से पवित्र बंधन 
मन से जो करते भक्ति-भाव श्रद्धा से वंदन

मीरा ने की मन से भक्ति प्रभु ने विष अमृत कर डाला 
प्रह्लाद की भक्ति नर्सिंग अवतार हिरण्यकश्यप मार डाला

नरसी भक्त की प्रार्थना पर प्रभु माहेरा भरने आए
कर्मा बाई के खीचड़ को हरी रुचि रुचि भोग लगाए 

द्रोपदी का चीर हरण प्रभु को दिल से पुकारा
चिर को फाड़कर पट्टी बांधी उसका कर्ज उतारा

प्रेमवश प्रभु दोङे आए प्रेम ही सदा पवित्र बंधन
हर इंसान में होता भगवान प्रेम से करे सबको वंदन
 
कलावती कर्वा

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