कवयित्री शशिलता पाण्डेय जी द्वारा रचना “2030 की दुनियाँ"

2030 की दुनियाँ,
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अपने सपनें कल्पनाओं का,
यथार्थ बदलेगा  स्वरूप
आधुनिक 2030 की दुनियां,
होगी आधी यांत्रिक।
मिनटों में निपटेंगे घंटो के काम,
 अभी तो जाने कितने यंत्र ?
अपने जीवन को देंगे आराम,
 हर निजी कार्य होंगे सुविधा जनक।
हर रोगों का इलाज और सर्जरी,
होंगी सहज और परिणाम सफल।
अपने दैनिक जीवन के कार्य भी पूरे,
सेकेंडो में सारे होंगे रोबोटिक।
 इंसानो की जगह कार्य करेंगे यंत्र,
 अन्धविश्वाश जीवन से होगा दूर।
 जन-जन में जागरूकता फैलेगी,
 और नही चलेगा झाड़,फूंक, और मंत्र!
  शिक्षा के नए होंगें अलग हर आयाम,
 मिलेंगे योग्यता के मापदंडों पर काम!
स्वतंत्रता की अलग होगी परिभाषा,
 सबको होगी आगे बढ़ने की अभिलाषा!
 सब हवाई यात्रा भी करेंगे रोबोटिक,
एक संपूर्ण परिवर्तन होगा पूरी दुनियां,!
 होंगे रोजगार और खेती के नयें -नयें प्रयोग,
 नही महामारी और नही होंगी बीमारी!
 होंगे पहले के अपेक्षा अधिक निरोग,
  दुनियां होगी आधुनिक संसाधनों से भरपूर!
 और भी होंगे नए-नए वैज्ञानिक प्रयोग,
 अब तो जल्द ही महामारी कोरोना जैसी!
  बीमारी की औषधि रिसर्च और नए खोज,
  2030 में निरंतर प्रगति होगी हर रोज!
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    स्वरचित और मौलिक
    सर्वधिकार सुरक्षित
 कवयित्री:-शशिलता पाण्डेय

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