कवि भास्कर सिंह माणिक कोंच जी द्वारा रचना '“कश्मीर”

मंच को नमन
            कश्मीर


स्वर्ग से सुंदर
हमारा कश्मीर
प्राणों से प्यारा
हमारा कश्मीर

भारत का अंग
नहीं रहेगा तंग
चाल न चलने देंगे
मारेंगे दबंग
सारे जग से न्यारा
हमारा कश्मीर

धारा 370 हटी
कश्मीर को आजादी मिली
छाया पूरे देश उल्लास
क्यारी क्यारी
कलियां खिली
गाएंगे जन गण मन गान
सारे जग से निराली शान
सुंदरता की खान
हमारा कश्मीर

समान अधिकार मिलेंगे
कदम कदम मिला चलेंगे
कन्याकुमारी से कश्मीर तक
प्यार के फूल खिलेंगे
दोहरी नीति नहीं चलेगी
सारी सुविधाएं मिलेंगी
विश्व से निराला
हमारा कश्मीर
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मैं घोषणा करता हूं कि यह रचना मौलिक स्वरचित है।
       भास्कर सिंह माणिक, कोंच

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