मंच को नमन
(साप्ताहिक प्रतियोगिता नारी शक्ति /नवरात्रि 18अक्टूबर - 24 अक्टूबर के लिए मेरी रचना )
विषय : देवी जीवनदायिनी
विधा : कविता
माँ तू ही जीवनदायिनी
मेरा जीवन तुझ पर अर्पण
माँ मैं हूँ तेरी अनुगामिनी..
माँ तू ही विद्यादायिनी
चारों ओर हैं तमपुंज का ठहराव
माँ मेरे जीवन की तू प्रभादायिनी..
माँ तू ही हैं आदिशक्ति
कृपा की ओज मुझमें भी भर दें
माँ तू हैं मेरी सबल-समर्थ शक्तिदायिनी..
माँ तू ही हैं विंध्यवासिनी
मुझ अबोध को शरणागत दें
माँ तू हैं मेरी जीविका संचारिणी..
माँ तू ही जीवनदायिनी
मेरा जीवन तुझ पर अर्पण
माँ मैं हूँ तेरी अनुगामिनी.. !!
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शालिनी कुमारी
शिक्षिका
मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार )
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