प्रकाश कुमार मधुबनी"चंदन"* जी द्वारा विषय नारी पर खूबसूरत रचना#

*स्वरचित रचना*

*नारी का सम्मान कर*

नारी का सम्मान कर।
भूल से ना अपमान कर
जब भी मौका मिले तुझे।
चल जनकल्याण कर।।

 मन से दानव प्रवृत्ति हटा लें।
अपने शरीर को मन्दिर बना ले।।
क्या होगा बुराई में फँसने से।
चल अच्छाई का संज्ञान कर।।

अपना क्या पराया क्या।
दो पल का मोहमाया क्या।।
मन वचन को पवित्र बना ले।
चल ईस्वर का ध्यान कर।।

लाख दर्द हो सच्चाई पर चल।
घर पर ना बैठ कर्म पथ पर चल।।
अन्याय पर न्याय का विजय हो।
पथ प्रदर्शक को ह्र्दय से प्रणाम कर।।

हर रूप में होती सदा पूजनीय नारी।
बनाओ उनको स्वस्थ व संस्कारी।।
भेद व भाव करना है व्यर्थ केवल।
इसपर बोझ का ना इल्जाम धर।।

आज ना डाल खुदपर बोझ।
 सहन करना जिसे भारी हो।
घर सुधर जाता है वास्तव में।
जिस घर आत्मनिर्भर नारी हो।।

सीता जैसी तपस्विनी बना।
उसमें सती सा तेज जगा।
 देख घर कैसे चमकता है।
अपने कुल वंश का नाम कर।।

*प्रकाश कुमार मधुबनी"चंदन"*

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